
परमजीत नेताम/रायपुर-14 फरवरी के दिन देशभर में मातृ-पितृ पूजन दिवस भी मनाया जा रहा है. सनातन, संस्कृति और संस्कारों का हवाला देते हुए कुछ सामाजिक लोगों का ऐसा भी मानना है कि पश्चिमी सभ्यता से आया Valentine’s Day बाजार का फैलाया मकड़जाल है. अगर आपको किसी से असल प्रेम है तो वह आपके माता-पिता ही हो सकते हैं. इसी के मद्देनजर बीते कुछ सालों से मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने की परंपरा सी चल पड़ी है. रविवार को भी इसके लिए शहरों-कस्बों में आयोजन किए जा रहे हैं.

हमे पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहकर अपने देश की संस्कृति व विचारों को जीवन में धारण करना चाहिए जिससे हमारा जीवन सार्थक हो सके। जन्म देने वाले ही हमारे सच्चे मार्गदर्षक होते हैं इसलिए माता-पिता के बताए हर रास्ते का अनुसरण करना चाहिए।

आज का युवा पश्चिम सभ्यता की चकाचौंध में अपने धर्म, कर्म, कर्तव्य से विमुख होता जा रहा है। श्री प्रयास एजुकेशन सोसायटी कई वर्षों से वेलेंटाइन डे को मातृ पितृ पूजन के दिवस के रूप में मनाकर युवाओं व बच्चों को अपनी प्राचीन संस्कृति व सभ्यता से जोड़ने का काम कर रही है।

श्री प्रयास एजुकेशन सोसायटी के बच्चों ने कुमकुम, पुष्प, मोली, दीया, बाती व प्रसाद से सुसज्जित थाली के साथ पूरे विधि-विधान के साथ मातृ पितृ पूजन दिवस मनाया। बच्चों ने माता-पिता का पूजन किया व गुरुजनों की आरती की जिससे माता-पिता भाव विभोर हो गए। माता पिता ने भी अपने अपने बच्चों को दीर्घायु का मंगल आशीर्वाद दिया।

पुलवामा घटना में शहीद हुए जवानों को दी गई श्रद्धांजलि
श्री प्रयास के बच्चों ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि पुलवामा हमले में जितने भी वीर शहीद हुए उन्हें सलाम। इस तरह की घटना दोबारा न हो इसकी कामना करते हैं। देश कभी भी उनके उनकी सेवा और उनके सर्वोच्च बलिदान को नहीं भूलेगा
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